१.मुतकारिब 122 122 , 122 122 रचेरै तिमीले, कहानी बनायौ किटानी गरेरै , निसानी बनायौछ आरोप धेरै, चलेको छ चर्चा फसायौ र तिम्रै, जमानी बनायौलगायौ तगारो, बनायौ तमासा टुटायौ भरोसा, खरानी बनायौम हार्दै बसेको, खुसी हेर्न तिम्रो बुझेरै बबुरो, अज्ञानी बनायौछ तिम्रो जवानी, लुटेको बहना उ भन्दै म तिम्रो, लगानी बनायौ२. मुतकारिब 122 122, 122 122 खुसी हेर्न तिम्रो, झुकेको छु आफै बलेको छ...